आइए जानते है कौन से ग्रह और योग है वो।
कुण्डली में बनने वाले 07 महा धन योग...
दोस्तों चाहे किसी भी अरबपति या धनवान लोगों की कुण्डली खोलकर देख लें उनकी कुण्डली में इन योगों में से एक योग अवश्य होता है..वैसे ही हमारी कुण्डली में भी कुछ ऐसे योग बन जाते है.. जो 7 प्रकार के माने जाते है, क्या आपकी कुण्डली में है ये योग।1- चंद्र-मंगल योग - यह योग जातक को धनवान बनाने में अहम होता है। इस योग को महा भाग्य योग भी कहते है। यह व्यक्ति को आकस्मिक धन, वैभव और धन को खींचने की शक्ति प्रदान करता है, और यह योग कुण्डली में चंद्रमा और मंगल दोनों एक दूसरे पर दृष्टि डालने से बनता है।
2- महालक्ष्मी योग - यह सबसे दुर्लभ योग माना जाता है क्योंकि यह बहुत कम कुण्डली में होता है। इस योग वाले लोगों पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा होती है, या ये समझो कि कुबेर का खजाना उसके पास होता है। यह तब सम्भव है जब प्रथम भाव की दृष्टि द्वितीय, पञ्चम,नवम,व एकादश भाव पर होती है और शुभ ग्रह गुरू,शुक्र,बुध व चन्द्रमा द्वितीय तथा एकादश भाव में होते है।
3- अष्ट-लक्ष्मी योग - यह योग विशेष लोगों की कुण्डली में होता है और जब जातक की कुण्डली में राहू व केतु 12वें घर में और गुरू केंद्र में होने से बनता है।
4- अधिक योग- यह योग धन की खेती जातक को प्रदान करता है और यह तब बनता है जब बुध,गुरू व शुक्र चंद्रमा ग्रह से 6, 7, 8वें भाव में होता है।
5- मालव्य योग - यह पञ्च महा पुरूष योग में से एक माना जाता है,यह समस्त सांसारिक सुखों को प्रदान करता है, और यह तब बनता है जब शुक्र ग्रह अपनी उच्च राशी में या वृषभ या तुला राशि में प्रथम,चतुर्थ, सप्तम या दशम भाव में स्थित होता है।
6- करोड़पति योग - यह योग लगभग सभी अमीर लोगों की कुण्डली में होता है और यह तब बनता है जब ( चंद्रमा-लग्न में हो), (शुक्र सप्तम भाव में हो), (वृहस्पति षष्ठ भाव में हो), (बुध-अष्टम भाव में हो), (सूर्य-मंगल-शनि-राहु-केतु सभी पाप ग्रह तृतीय-दशम-एकादश भाव में हो) तो यह योग बनता है।
7- इंदु-लग्न-योग - यह योग धन-वैभव तथा समृद्धि का सूचक माना जाता है। यह लग्न धन को आकर्षित करता है, धन की कमी दूर करता है, यह योग सभी योगों पर राज करने वाला होता है।
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